Saturday, December 21, 2019

काश मुद्दा होता।।

काश, मुद्दा लड़ने के बजाए,
पढ़ने का होता!

काश मुद्दा, बटने के बजाए,
एक साथ होने का होता!

काश मुद्दा, रोने के बजाए,
हँसने और हँसाने का होता!

काश मुद्दा, मंदिर-मस्ज़िद,
के बजाए, इंसानियत में डूबने का होता!

काश मुद्दा, हिन्दू-मुसलमान होने के बजाए,
होना ही नही होता!

काश मुद्दा, हैवानियत के बजाए,
इंसानियत का होता!

काश मुद्दा, पेड़ काटने के बजाए,
पौधें लगाने का होता!


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