Wednesday, May 19, 2021

मैं नासमझ, समझ नही पाया, तेरी उस असहज़ सिमटन को, मेरी बाहों में सिमटने की अदा।

 मैं नासमझ, समझ नही पाया,

तेरी उस असहज़ सिमटन को,

मेरी बाहों में सिमटने की अदा।

बेवज़ह, कितना प्यार था,

तुम्हारे लिए मेरे मन मे,

जो ये कम था, जो आज 

तुमने अपनी तस्वीर 

भेजी है, उसके साथ


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