Wednesday, May 19, 2021

जब हम क़िताब पढ़ रहे होते हैं! तो अपने अंदर विश्लेषक पूर्ण विचारों की क्रान्ति ला रहे होते हैं।

 जब हम क़िताब पढ़ रहे होते हैं!

तो अपने अंदर विश्लेषक पूर्ण विचारों की क्रान्ति ला रहे होते हैं।

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