Thursday, October 15, 2020

तालाब और मछलियों के रिश्तों को इंसानों को समझने में थोड़ा वक्त लगेगा।

 भीड़ में या अगल बगल लोगों में बैठना, शायद मुझे अच्छा नही लगता क्योंकि अधिकतम लोग विकारों से ग्रस्त है। और हाँ, मैं भी। मुझे ऐसा महसूस होता है जैसे मेलो के बीचोबीच बैठा हूँ और दिलो दिमाग पर भीड़ महसूस करता हूँ, एक भारीपन, फिर कभी तालाब के पास बैठ जाता हूँ, तो चिड़ियों की कलरव और तालाब में गुलूप गुलूप मछलियों की आवाज़ें। शायद, हम इंसानों को, तालाब और मछली के रिश्तों जैसा होने में अभी वक़्त लगेगा।

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